स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट की स्थापना 02 मई 2025 को लोगों का, लोगों के लिए, लोगों के द्वारा सहयोग हेतु किया गया है। स्वयं सेवा टीम से जुड़ने के लिए लोगों को स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तो से सहमति के उपरांत वेबसाइट https://swayamsewa.org के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं। स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट किसी भी सदस्य जबरदस्ती अथवा बाध्य करके नही जोड़ा जाता बल्कि सदस्य स्वेच्छा से जुड़ते हैं। स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में पत्येक सदस्य को वैधानिक बने रहने के लिए प्रति वर्ष व्यवस्था शुल्क जमा करना होता है जो की151/-रुपये है।
स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट का संचालन स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट गाज़ियाबाद (रजि० नंबर- 4-356-2025) करती है।
Note: अगर स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ा कोई सदस्य किसी अन्य सम विषयक टीम का प्रचार प्रसार करता है या ऐसी किसी टीम का पदाधिकारी बनता है तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। ऐसे सदस्य पूर्व में किए गए सहयोग के बदले किसी भी प्रकार के लाभ का दावा नही कर सकेगे। टीम के किसी भी पदाधिकारी के साथ अभद्रता, डराने, धमकाने वाले की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
सदस्यों हेतु मुख्य नियम -
[1] आकस्मिक मृत्यु होने पर
1- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि को व्यक्ति की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच में होना आवश्यक है।
2- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना अनिवार्य है। साथ ही साथ हमारी वेबसाइट और अधिकारिक टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ना अनिवार्य है। जिस पर समय – समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां दी जाती रहेंगी। आप को समस्त सूचनाओं से अपडेट रहने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार हमारी वेबसाइट, टेलीग्राम ग्रुप, फेसबुक या व्हाट्सऐप ग्रुप की सूचनाएं देखने पड़ेंगी। आप को ग्रुप में अपडेट रहने की बाध्यता रखी गयी है।
3- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ा- कोई भी सदस्य वेबसाइट, टेलीग्राम ग्रुप, व्हाट्सएप ग्रुपों को नियमतः नहीं देखता है और समिति / टीम से सम्बंधित सूचनाएं आदि नहीं प्राप्त कर पाता है तो सम्बंधित सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। फिर भी कोशिश की जायेगी कि कार्यकारिणी सदस्यों के माध्यम से आप तक सूचनाएं पहुंचाई जाएं।
4- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट का यह नियम है कि यदि कोई भी सदस्य रजिस्ट्रेशन करा कर छोड़ देता है और सहयोग नहीं करता है तो वह सहयोग पाने का पात्र नहीं होगा। सहयोग करने पर ही सहयोग मिलेगा।
5- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा हेल्पलाइन नम्बर 9212010353 सदस्यों की सुविधा के लिए जारी किया गया है। जिस पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दी जायेगी। कोई भी सदस्य इस नम्बर पर संपर्क करके जानकारी प्राप्त कर सकता है।
6- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में सभी सदस्यों के लिए (आकस्मिक मृत्यु) का लॉकिंग पीरियड 180 दिन रखा गया है। लॉकिंग पीरियड की गणना की तिथि व्यवस्था शुल्क जमा कराने की तिथि से की जाएगी। लॉक इन पीरियड के दौरान व्यवस्था शुल्क जमा कराने की तिथि के उपरांत सभी सहयोग करना अनिवार्य है।
6 (क) स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में 180 दिन के लॉक इन पीरियड से तात्पर्य यह है की यदि किसी सदस्य ने 01 जनवरी 2025 05:00:00 को रजिस्ट्रेशन किया और उसकी मृत्यु 30 जून 2025 04:59:59 बजे तक हो जाती है, तो उसे सहयोग नहीं किया जायेगा साथ ही एक जनवरी से 30 जून तक यदि कोई सहयोग चलता है, तो सदस्य को उसका सहयोग करना भी आवश्यक होगा, उस सहयोग के बदले लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी द्वारा सहयोग का दावा नहीं किया जा सकेगा। यदि ऐसे सदस्य की मृत्यु सदस्य बनने के 181 वे दिन हो जाती है या लॉक इन पीरियड के बाद उसे सहयोग करने मे अवसर मिले बिना ही उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा सहयोग किया जायेगा क्योंकि उसे सहयोग करने का अवसर नहीं मिला तो उसकी सहयोग करने की निष्ठा को गलत नहीं माना जा सकता, इसलिए उसका सहयोग किये जाने का प्रावधान होगा।
6 (ख) स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में गम्भीर बीमारी की स्थिति में लॉक इन पीरियड 2 वर्ष (730 दिन) का होगा। यदि किसी सदस्य द्वारा रजिस्ट्रेशन करते समय या बाद में किसी गम्भीर बीमारी के हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में दर्ज/ अपडेट नही करता है तो तथ्यगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना सम्भव नही होगा । गम्भीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी। गंभीर बीमारी की स्थिति में प्रोफाइल में अपडेट करना अनिवार्य होगा, छुपाए जाने पर टीम की जांच रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाएगा उस पर किसी तरह का कोई कानूनी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। गंभीर बीमारी के मामले में टीम अपेक्षा करती है की सभी सदस्य अपनी बीमारी अपनी प्रोफाइल में अपडेट करेंगे अगर किसी कारण से अपडेट नही है तो इसका निर्धारण मृत्यु के कारण के आधार पर किया जाएगा, अगर मृत्यु का कारण बीमारी है तो उसे बीमारी में शामिल किया जाएगा भले ही प्रोफाइल के प्रदर्शित न किया गया हो। साथ ही स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ते समय बीमारी की जानकारी थी या नहीं थी यह टीम का विषय नही होगा, ऐसे मामलो में मृत्यु के कारण के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
उदाहरण– अगर किसी व्यक्ति की किडनी खराब है और वो स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ता है तो उसके लिए लॉकिंग पीरियड 2 वर्ष का ही होगा। माना की जुड़ने के 6 माह बाद उसकी मृत्यु होती है तो वो अवैधानिक होगा किंतु अगर उसकी मृत्यु मार्ग दुर्घटना के हुई हो तो उसे वैधानिक माना जायेगा क्योंकि मृत्यु बीमारी से न होकर मार्ग दुर्घटना से हुई है।
नोट– गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु होने पर अगर मृत्यु का कारण और कुछ दर्शाया जाता है तो उसके पुख्ता प्रमाण देने होंगे अगर टीम उस प्रमाण से संतुष्ट होगी तो ही माना जायेगा अन्यथा बीमारी ही माना जायेगा। इस तरह के मामले में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार पूरी तरह से टीम के पास होगा।
उदाहरण– अगर किसी को कैंसर है, या किडनी खराब है और उसका इलाज चल रहा है ऐसी स्थिति में अगर कोई इलाज के दौरान हार्ट अटैक का दावा करता है तो उसको गंभीर बीमारी का ही मामला माना जायेगा। मृत्यु के अलग कारण से मतलब है बिमारी के इलाज के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना आदि से है।(सड़क दुर्घटना, लू लग जाना, नदी में डूब जाना आदि)
7- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट कोर टीम सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी, वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी। कोई भी सदस्य/नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा/अधिकार नही कर सकेगा, बल्कि संस्था नैतिकरूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
8- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवं स्वतः हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी, जिस पर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नही उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/ भ्रम फैलाने/ दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है। ऐसे मामलों में टीम कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए स्वतंत्र होगी।
9- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी सदस्य द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/ हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी जाय तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशि उस सदस्य के खाते में वापस करनी पड़ेगी। इस हेतु स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट गारंटी नही ले सकेगी किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी।
10- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में यदि किसी सदस्य द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा। ऐसे सदस्य निम्नलिखित नियमो के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे-
10(A)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरांत सहयोग करते आ रहे हैं, और उनका सहयोग 90% या उससे अधिक है और नियमावली के हिसाब से सब कुछ वैधानिक वे है तो उसे सहयोग पाने का अधिकार होगा।
10(B)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में अगर कोई सदस्य बीच में सहयोग छोड़ देता है तो वो सदस्य रि-लॉक-इन पीरियड को पूरा करके तथा उस बीच के समस्त सहयोगों को पूरा करके पुनः वैधानिक हो सकता है।
10(C)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में लॉकिंग पीरियड के बाद जितने भी वैधानिक सदस्यों की मृत्यु होगी सभी में सभी सदसस्यों को सहयोग करना अनिवार्य है। यदि कोई भी सदस्य एक भी सहयोग को छोड़ता है तो जिस सहयोग को छोड़ेगा, सहयोग करने की अंतिम तिथि से उस समय जो लॉक इन पीरियड होगा उतने समय के लिए अवैधानिक हो जायेगा। फिर से उसे वैधानिक सदस्यता पाने के लिए उस दौरान जो भी सहयोग और रि-लॉक-इन पीरियड को पूरा करना होगा। उसके बाद सदस्य पुनः वैधानिक सदस्य हो जायेगा। एक सदस्य को 65 वर्ष की आयु भर में केवल इस तरह का पांच मौका ही दिया जायेगा।
10(D)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में यदि कोई भी सदस्य रजिस्ट्रेशन करा कर छोड़ देता है और सहयोग नहीं करता है तो वह सहयोग पाने का पात्र नहीं होगा। सहयोग करने पर ही सहयोग मिलेगा।
10(E)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में अगर कोई सदस्य वर्ष में एक बार सहयोग छोड़ देता है तो वो रि-लॉक-इन पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूरा करके पुनः वैधानिक हो सकता है।
10(F)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में कम से कम 10 सहयोग हो जाने के बाद यह देखा जा सकेगा की किसी सदस्य ने 90% अवसरों पर यानी 10 में से 09 बार कम से कम यदि सहयोग किया है, तो उसे किसी 01 का सहयोग न कर पाने के कारण उसकी सदस्यता न तो निलंबित होगी, न ही उसे सहयोग से इंकार किया जायेगा। बशर्ते सहयोग न कर पाने का वाजिब संतोषजनक कारण हो। इस प्रकार की छूट सहयोगों की कुल संख्या बढ़ने यानी10 बार 20बार, 50बार के साथ साथ विचाराधीन रहेगी और उसके सहयोग के प्रतिशत में 80% से 90% तक विचार किया जा सकेगा। लेकिन 10सहयोग के बाद ही 90% का नियम अगले संशोधन तक लागू माना जायेगा। 10 सहयोग से पहले 90% अवसरों पर सहयोग के नियम को नही माना जायेगा। तब तक समस्त सहयोग करना अनिवार्य होगा।
10(G)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में 90% सहयोग की व्याख्या - यदि कोई सदस्य पिछले 2 या उससे अधिक वर्ष से स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से जुड़ा है और उसके कुल सहयोग 90% से अधिक है और उसकी मृत्यु बिमारी से होती है तो वो वैधानिक माना जाएगा भले ही एक साथ लगातार सहयोग न हुआ हो ऐसी स्थिति में उसे लाभ मिलेगा और क्योंकि 90% सहयोग पूर्ण है और 2 वर्ष से पुराना है तो माना जाएगा कि जुड़ते समय स्वस्थ था ।
10(H)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में यदि कोई सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नही किया रहता और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो सहयोग की छूट का लाभ नही दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में दिवंगत सदस्य के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नही किया जा सकेगा।
यह नियम सिर्फ सदस्य के स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गम्भीर दुर्घटना/ बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति में ही मान्य होगा।
10(I)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में सुसाइड या किसी अन्य विवादित कारण से मृत्यु होने पर सहयोग नहीं कराया जायेगा। अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक होगा, में कोर टीम स्थलीय निरिक्षण करायेगी। आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग या जिला इकाई या सदस्यों की राय भी ली जा सकेगी।। सर्व सम्मति से जो निर्णय लिया जायेगा उसे स्वीकार करना होगा। किसी भी प्रकार का कानूनी दावा नहीं किया जा सकता है।
10(J)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में यदि 65 वर्ष की आयु से पहले किसी वैधानिक सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी के खाते में आकस्मिक मृत्यु सहयोग योजना में सहयोग कराया जायेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है। भविष्य में आयु को समय व परिस्थितियों को देखते हुए कम या ज्यादा किया जा सकता है)
10(K)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में सभी लोग रजिस्ट्रेशन कराते समय अपनी जन्म तिथि वैधानिक कागजात जैसे – शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट व् अन्य में अंकित जन्म तिथि के अनुसार ही सही – सही भरें। गलत जन्म तिथि भरने से पर आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। आवश्यकता पड़ने पर ही आप से या आप के परिवार से व्यक्तिगत रूप से कोर टीम मिलकर साक्ष्य मांग सकती है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है)
10(L)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में लॉकिंग पीरियड के बाद जितने भी वैधानिक सदस्यों की मृत्यु होगी सभी में सभी सदसस्यों को सहयोग करना अनिवार्य है। यदि कोई भी सदस्य एक भी सहयोग को छोड़ता है तो वो अवैधानिक हो जायेगा। ऐसे सदस्य फिर से वैधानिक सदस्यता पाने के लिए रि-लॉक-इन पीरियड को तथा उस बीच के समस्त सहयोगों को पूरा करना पड़ेगा। उसके बाद सदस्य पुनः वैधानिक सदस्य हो जायेगा। एक सदस्य को 65 वर्ष की आयु भर में केवल इस तरह का पांच मौका ही दिया जायेगा।
10(M)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में किसी भी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर टीम से जुड़े हुए सभी सदस्यों से सहयोग करवाती है। सहयोग की राशि सदस्यों की संख्या व सदस्यों द्वारा दिए गए सहयोग पर निर्भर है। प्रत्येक बार सहयोग प्राप्त करने की धनराशि कम या ज्यादा हो सकती है। इसमें किसी भी प्रकार की दावा या वाद पस्तुत नहीं किया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है। )
10(N)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट (गंभीर बीमारी की स्थिति में):- गंभीर बीमारी की स्थिति में लॉकिंग पीरियड 2 वर्ष रखा गया है। यदि व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसका जिक्र रजिस्ट्रेशन कराते समय बीमारी वाले कॉलम में अवश्य करें।
10(O)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार कोर टीम के पास सुरक्षित होगा। कोर टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। सदस्यता या उसके परिवार को किसी भी प्रकार का कानूनी दावा प्रस्तुत करने की अधिकार नहीं होगा। नियम व अनुशासन सर्वोपरि है।
10(P)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में सहयोग के दौरान कूटरचित/फर्जी रसीद या नियमो के विपरीत कार्य करने वाले सदस्यों के बारे में कोर टीम निर्णय लेने की अधिकारी होगी। ऐसे सदस्यो की वैधानिकता भी समाप्त की जा सकेगी और लाभ से भी वंचित किया जा सकेगा।
10(Q)- स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में कुछ निम्नलिखित बीमारी या कारण है जिनको की सहयोग नहीं किया जायेगा:
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है। )
स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट में प्राप्त हुई व्यवस्था शुल्क राशि को निम्नलिखित सुविधाएं के लिए खर्च किया जायेगा-
1) वेबसाइट के निर्माण और संचालन में।
2) ऐप बनवाने और संचालन में।
3) एक आफिस और एक टेक्निकल सपोर्ट रखने में जो आपको तकनीकी मदद देगा।
4) स्थलीय निरीक्षण करने में।
5) स्वयं सेवा संस्थान ट्रस्ट से ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को जोड़ने के अभियान में।
6) समय समय पर नई तकनीकी का इस्तेमाल में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ साथ आसान बन सके।